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Tuesday, March 26, 2019

मुन्ना...?


तकरीबन ३० साल पहले स्वर्गीय शरद जोशी द्वारा लिखी गयी 'जिसके हम मामा है...!' ये व्यंग कथा आजभी उतनीही, बल्की कुछ जादाही, सच मालूम पडती है I पढ़नेमे और सुननेमें भले यह व्यंग चाहे कितनाभी मजेदार लगे, विटंबना तो इस बात की है ७० सालके बादभी हर पाच सालमें एक नया मुन्ना हमें मामा बनानेमें कामयाब हो जाता है, वो हर बार गंगा नहा जाता है और हम तौलिया लपेटे उसे खोजते फिर रहे है I इस बार अगर हम सावधान न रहे तो यकीन मानिये तौलियाभी न बचेगा...! इसलिये तीन चीजोंका खास ध्यान रखें –

१. यदी आप भारतके निवासी है और आपकी उम्र १८ सालसे उपर है तो आपका नाम व्होटर्स लिस्टमें है इस बात की  जाँच कर ले I ये लिंक आपको मदद कर सकती है – National Voters Service Portal

२. आपके प्रभागमें मतदान का दिन और समयकी बराबर जानकारी रखें और उस दिन, उस वक्त दुसरा कोईभी काम न ले क्यूंकी इससे महत्वपूर्ण काम करनेका मौका आपको अगले ५ सालतक मिले न मिले I २०१९ के लोकसभा चुनावकी शेड्युल आप यहां देख सकते है – General Elections 2019

३. किसीभी मिडिया, सोशल मिडियासे मिलनेवाली खबरें जाँच लें और अपनी खुदकी परिस्थिती, अपेक्षा तथा भविष्यके हिसाबसे अपना मत बनाये ना की किसीके भुलावे, दबाव या राजनैतिक छलकपटसें प्रभावित होके I

‘मुन्ना’को छोडीये, अगर तौलियाभी बचाना है तो इतना तो करनाही पडेगा I और चलते चलते एक और बात बात दूं, प्रजातंत्रमें जनसहभागकी बात तभी मुमकिन है जब जनतंत्रका प्रत्येक नागरिक सुशासनमें अपना योगदान दे जिसकी शुरआत नागरिकके अग्रिम संवैधानिक अधिकार एवं कर्तव्यसे होती है जो है अपने क्षेत्रका अभ्यास करके अपना मत बनाना और हर चुनावमें मतदान करना I

राजनैतिक दलोंके नारे भुलाकर दिलोदिमागकी आवाज सुने और चले, सचमुच बनाये एक नया भारत, एक बेहतर कल...!

We will have A Nation of OUR Dreams,
NOT of THEIR Mission or Vision...!

Way to go...

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